अनएम्प्लायड पिटिशनर्स फोरम के अध्यक्ष राहुल काचरू ने कहा कि हम महबूबा के आभारी हैं जिन्होंने अपना वादा निभाया और हाई कोर्ट के 2015 में दिए गए आदेश के अनुसार हमें नौकरी देने का फैसला किया। राज्य सरकार ने शुक्रवार को फैसला किया कि प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 पूरक पद सृजित किए जाएंगे। कैबिनेट ने 198 याचिकाकर्ताओं को इस शर्त पर नौकरी देना तय किया कि वे 21 दिन के अंदर संबंधित विभागों में नौकरी ज्वाइन कर लेंगे। ऐसा नहीं करने पर नौकरी रद्द कर दी जाएगी।
काचरू ने कहा कि हम 2012 से कानूनी ल़़डाई ल़़ड रहे हैं। हममे से कुछ की सरकारी नौकरी की उम्र भी निकल गई। राज्य सरकार ने 2012 मे कश्मीरी पंडितों के लिए प्रधानमंत्री के पैकेज से 2300 पदों के लिए नए सिरे से आवेदन बुला लिए जिसके खिलाफ हम कोर्ट गए थे। 2010 में 1500 पद निकाले गए। अजा-जजा के पद सरकार ने रोक लिए जबकि कश्मीरी पंडित इन श्रेणियों में नहीं आते हैं।
सरकार ने प्रतीक्षा सूची की अनदेखी कर नए आवेदन मंगा लिए। कोर्ट ने याचिका लगाने वालों के लिए पद सुरक्षित रखने का फैसला दिया था। इन युवकों ने ल़़डाई में साथ देने वाले ऑल पार्टीज माइग्रेंट को-ऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन विनोद पंडित का भी शुक्रिया अदा किया।
]]>हालांकि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने श्रीलंका को फॉलोऑन नहीं दिया और भारत ने फिर से बल्लेबाजी करने का फैसला किया. पहली पारी में भारतीय टीम को 309 रनों की विशाल बढ़त मिली जिसके साथ ही उसने एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया और साथ ही विराट कोहली की कप्तानी में पहली बार ‘तिहरा शतक’ भी लगा.
श्रीलंका में सबसे बड़ी बढ़त का रिकॉर्ड
टीम इंडिया को पहली पारी में 309 रनों की बढ़त मिली जो कि पहली पारी के आधार पर श्रीलंका में ये भारतीय टीम की अबतक की सबसे बड़ी बढ़त है. इससे पहले साल 2015 में गॉल में ही टीम इंडिया ने 192 रनों की बढ़त हासिल की थी और अब ये रिकॉर्ड एक बार फिर गॉल में टूट गया है. वैसे आपको बता दें पिछली बार टीम इंडिया गॉल टेस्ट में बड़ी बढ़त के बावजूद भी हार गई थी.
कोहली की ट्रिपल सेंचुरी
विराट कोहली की कप्तानी में पहली बार टीम इंडिया को 300 से ज्यादा रनों की बढ़त मिली है. इससे पहले 2017 में ही बांग्लादेश के खिलाफ हुए हैदराबाद टेस्ट मैच में भारतीय टीम को 299 रनों की बढ़त मिली थी. लेकिन इस बार विराट की कप्तानी में टीम इंडिया 309 रनों की बढ़त तक पहुंच गई.
बड़ी बढ़त के बाद भी फॉलोऑन नहीं देने वाले भारतीय कप्तान
309 रनों की बढ़त हासिल करने के बावजूद टीम इंडिया ने श्रीलंका को फॉलोऑन नहीं दिया. भारतीय क्रिकेट इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ है कि टीम इंडिया ने 300 से ज्यादा रनों की बढ़त हासिल करने के बावजूद फॉलोऑन नहीं दिया हो. साल 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया को 319 रनों की बढ़त मिली थी और टीम इंडिया फिर भी बल्लेबाजी करने उतर गई थी.
फॉलोऑन देने के मोर्चे पर धोनी हैं कोहली से आगे
टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली को अपनी कप्तानी में अब तक 7 बार विपक्षी टीम को फॉलोऑन देने के मौके मिले हैं. जिनमें से सिर्फ 2 बार ही उन्होंने विरोधी टीम को फॉलोऑन दिए हैं. वहीं अगर पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की बात करें, तो उन्होंने अपनी कप्तानी में 5 मौकों में से 4 बार विरोधी टीम को फॉलोऑन दिए हैं.
]]>देश के 16 राज्यों में लहराया भगवा
हाल में भारतीय जनता पार्टी को दो राज्य उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बहुमत मिला और पार्टी को पूरे देश में पहली बार अपने आपको इतने बड़े फैलाव का मौका मिला। गोवा और मणिपुर में भी भाजपा बहुमत में कुछ कमी के बावजूद सरकार बनाने में कामयाब रही। ऐसे में अगर देश के मानचित्र को देखें तो अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, बिहार, आन्ध्र प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भाजपा या भाजपा के समर्थन से बनी सरकार है।
सिर्फ छह राज्यों में सिमट गई कांग्रेस
इसे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की कमी कहें या फिर कुछ और लेकिन यह एक बड़ा सच है कि आज देश के मानचित्र से कांग्रेस तेजी से विलुप्त होती जा रही है। हालत ये हो गई है कि दशकों तक देश पर राज करनेवाली कांग्रेस सिर्फ छह राज्यों में सिमट कर रह गई है। ऐसे में यह बड़ा वाजिब सवाल है कि कांग्रेस के तेजी से पतन का क्या कारण है। राजनीति के जानकारों की मानें तो जिस तरह से शीर्ष नेतृत्व में फैसले लेने की अक्षमता सामने आयी ऐसे में पार्टी कमजोर हो रही है। यही वजह है कि लगातार कांग्रेस के बड़े नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं।
गैर भाजपा राज्यों के लिए शाह की खास रणनाति
एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी का तेज़ी से फैलाव हुआ है और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी असम जैसे उन राज्यों में भगवा लहराने में कामयाब रही जहां पार्टी अब तक दस्तक नहीं दे पाई थी तो पार्टी इसे अपने लिए बड़ी कामयाबी मान रही है। ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी की अगली रणनीति उन दक्षिणी राज्यों में अपने प्रभाव को बढ़ाने की है जहां पर पार्टी अब तक कोई खास करिश्मा नहीं कर पाई है वो चाहे बात केरल की हो, पश्चिम बंगाल की हो या फिर तमिलनाडु और उड़ीसा की।
बीजू जनता दल की सरकार वाले पूर्वी प्रदेश ओडिशा में भाजपा ने अप्रैल में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर इस बात के संकेत दिए कि अब उनका अगला निशाना ये राज्य भी हैं। यहां पर कार्यकारिणी में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो के दौरान जिस तरह लोगों की प्रतिक्रिया देखने को मिली थी वह पार्टी के लिए काफी उत्साहजनक थी।
पश्चिम बंगाल से दक्षिण तक भाजपा की नई रणनीति
पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को अब सबसे बड़ा खतरा भारतीय जनता पार्टी के फैलते दायरे से है। यही वजह है कि अब ममता बनर्जी धुरविरोधी वामपंथी पार्टियों की जगह अब भाजपा को मानने लगी है जिनकी अगुवाई वाली सरकार में वह कभी केन्द्रीय मंत्री रह चुकीं हैं।
यहां पर पिछले दिनों अमित शाह ने कई दिनों का दौरा कर प्रदेश स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए नई ऊर्जा के संचार का आहवान किया और दीदी के शासन पर जमकर बरसे। तो वहीं दूसरी तरफ केरल से लेकर तमिलनाडु तक भाजपा लगातार अपना पैर फैलाने की कोशिश कर रही है।
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नई दिल्ली: नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव(70) की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय रही. पिछले 24 घंटे में बिहार के सियासी ड्रामे के बीच शरद यादव की चुप्पी भी काबिलेगौर रही. इस पूरे सियासी घटनाक्रम के बीच शरद यादव ने खामोशी अख्तियार कर रखी है. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार के एनडीए में जाने से शरद यादव नाराज बताए जा रहे हैं. संभवतया यही वजह रही कि गुरुवार को नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए शरद यादव पटना नहीं गए. इस दौरान वह दिल्ली में ही मौजूद रहे. उनके अलावा जदयू के सांसद अली अनवर और वीरेंद्र कुमार भी नीतीश के कदम से नाराज बताए जा रहे हैं. इस कड़ी में गुुरुवार शाम पांच बजे शरद यादव के घर इन नाराज नेताओं की बैठक होने जा रही है.
एनडीए से जोड़ा नाता
इस बीच बुधवार को नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद ही बिहार में महागठबंधन की सरकार खात्मा हो गया. उसके तत्काल बाद नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ मिल गया और उन्होंने गुरुवार को सुबह 10 बजे दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. वहीं सुशील मोदी ने डिप्टी सीएम की शपथ ली. शपथग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने बिहार के हित में फैसला लिया है. मेरी जवाबदेही बिहार के प्रति है. वक्त आने पर सबको जवाब दूंगा.
नीतीश कुमार ने हमें धोखा दिया- राहुल गांधी
नीतीश के शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने हमें धोखा दिया है. स्वार्थ के लिए लोग कुछ भी कर जाते हैं.उन्होंने कहा, “मैं पहले ही जान गया था कि यह (महागठबंधन) ज़्यादा देर तक नहीं चल पाएगा… हिन्दुस्तान की राजनीति की यही समस्या है कि राजनेता स्वार्थ के लिए कुछ भी कर जाते हैं… जो जनादेश मिला था, वह सांप्रदायिकता के खिलाफ था, लेकिन अब…”
आहार विद और मोटिवेशल कोच यूलिया टारबाथ मोनो डाइट ट्राई करना चाहती थीं। यही कारण है कि वह कई दिनों तक सिर्फ एक फल पर निर्भर रहीं। इस डाइट को उन्होंने बेनाना आइलैंड डाइट का नाम दिया। इस दौरान उन्होंने केले के अलावा 12 दिनों तक कुछ भी नहीं किया और इसके आमूलचूल बदलाव उन्होंने नोटिस किए। वह कहती हैं कि आप यदि नियमित केला खाती हैं, लेकिन इसमें किसी तरह के अन्य मील को शामिल नहीं करती हैं तो इससे आपको खुद में कई तरह के बदलाव महसूस होंगे। जैसा कि आहार विद यूलिया टारबाथ ने किया। वैसे यूलिया टारबाथ यह भी जोड़ती हैं कि आप चाहें तो दिन के अंत में कोई एक हरी पत्तेदार सब्जी खा सकती हैं। इससे आपके बेहतर स्वास्थ्य में इजाफा होगा।
यूलिया टारबाथ के मुताबिक यदि आप सिर्फ केला डाइट पर रहती हैं तो आप अपने शरीर से कैलोरी को कम कर रही होती हैं। लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि आप किसी भी तरह अपनी डाइट में और कुछ शामिल नहीं करेंगी। यूलिया टारबाथ कहती हैं आप केले के अलावा कोई भी अन्य फल चुन सकती हैं। यह असल में मोनो डाइट चार्ट है, इसमें आपको किसी भी तरह का एक फल चुनने की आजादी होती है। यूलिया टारबाथ यह भी कहती हैं कि राइप बनाना खाने से आप न तो कैलोरी घटा रही होती हैं और न ही कैलोरी बढ़ा रही होती हैं। इसका मतलब यह कि आपके शरीर में कुछ भी घट या बढ़ नहीं रहा है।
यूलिया टारबाथ के मुताबिक यदि आप मोनो डाइट पर हैं तो प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पिएं। रोजाना कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पिएं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। आप यह भी ध्यान रखें कि आप चाहे किसी भी तरह के डाइट में क्यों न हों, लेकिन पानी के साथ समझौता करना सही नहीं है।
यूलिया टारबाथ के मुताबिक मोनो डाइट में भी नियमित एक्सरसाइज की आवश्यकता होती है। इसे आप किसी भी फास्ट की तरह न समझें। जिस तरह आपका आम जीवनशैली चलती है, मोनो डाइट पर रहते हुए आपको यही अहसास करना है। इसका मतलब यह कि बेहतर असर के लिए रोजाना एक्सरसाइज करें।
चूंकि आप मोनो डाइट पर हैं और इससे आपका शरीर डिटोक्स हो रहा है साथ ही रिस्टोरेशन भी हो रही है। ऐसे में आपके शरीर को पर्याप्त आराम करने की जरूरत होती है। आप इस दौरान बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रह पाते। इसलिए इस बात का ख्याल रखें कि पर्याप्त आराम करें।
सिर्फ केला डाइट पर रहने से आपके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। आपकी स्किन साफ्ट और चमकदार होती है। आप अंदर से सकारात्मक महसूस करती हैं। साथ ही आपका दिमाग भी शार्प होता है। इससे आप किसी भी तरह की एक्टिविटी में हिस्सा ले सकती हैं। यूलिया टारबाथ यह भी जोड़ती हैं कि बनाना डाइट के दौरान उन्होंने 22 किलोमीटर की पहाड़ी चढ़ाई भी पार की। वह कहती हैं कि इस दौरान उन्हें अपने पैरों में किसी तरह का दर्द या कमजोरी का भी अहसास नहीं हुआ। इसका मतलब यह कि बनाना डाइट आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालते हैं।
]]>सेना और आतंकियों के बीच साढ़े तीन बजे के करीब मुठभेड़ शुरू हुई. इस ऑपरेशन में लश्कर ए तैयबा के दो आतंकी मारे गए. हालांकि अभी तक उनकी पहचान नहीं हो पाई है. दोनों आतंकियों के शव को पुलिस वाहन में डालकर ले जाया गया.
बता दें कि सेना के तीन जवान (इनमें एक कैप्टन भी शामिल थे) कुपवाड़ा में हुए फिदायीन हमले में शहीद हो गए थे. उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में यह फिदायीन हमला 26 अप्रैल को हुआ था.
हंदवाड़ा में हुई इस मुठभेड़ में किसी आम नागरिक या जवान के हताहत होने की खबर नहीं है. सेना ने आतंकियों की तलाश में सर्च अभियान चला रखा है.
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